रविवार, फ़रवरी 28, 2010

आओ दिल से दिल मिलाएं हिन्‍दू-मुस्लिम, सिख, इसाई

आया होली का त्‍योहार लाया रंगों की बौछार, आया होली का त्‍योहार---

संग मिल बैठेंगे चार यार रमू बिरजू, मोलहे, काली

आज खुशी का मौका है भइया हो जाये बोतल खाली

विश्‍वनाथ, करिया और घिसियावन भी ठण्‍डई खूब उडाए

छोट-बड़े सब होलियार बन गये घिस-घिस रंग लगावें

पूड़ी, सोहारी, गुछिया, मालपुआ की जमकर हुई छकाई

रास-रंग की मस्‍ती में कोऊ छोटा न बड़ भाई

अबीर-गुलाल संग गले मिल रहे चाचा, भैया, ताऊ

रंगों के त्‍योहार में सबमें मस्‍ती छायी

यारी का रंग चटख हो गया छोड़ दुश्‍मनी भाई

आओ दिल से दिल मिलाएं हिन्‍दू-मुस्लिम हों या सिख इसाई

आया होली का त्‍योहार लाया रंगों की बौछार

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें