रविवार, जून 20, 2010
बाढै़ पुत्र पिता के धरमे, खेती उपजे अपने करमें
हमारे यहां अवधी में कहावत है बाढैं पुत्र पिता के धरमे, खेती उपजे अपने करमें अर्थात पुत्र का विकास उसी तरह होगा जिस तरह पिता ने अपने पितृ धर्म को निर्वहन किया होगा। यदि पिता संस्कारवान है, शिक्षित है और समाज में उसकी अच्छी छवि है तो बेटा उनकी ख्याति को आगे बढा़ने की कोशिश करेगा। कहते हैं कि मां बच्चों की प्राथमिक पाठशाला होती है और पिता से अच्छा गुरु नहीं हो सकता है। यदि अपने बच्चों के भविष्य के प्रति पिता जागरूक है तो वह निश्चित की सफलता की बुलंदियों को छुयेगा। यदि पिता दुर्गुण युक्त होगा तो (अपवाद मात्र छोड़कर) उनके बच्चे भी गलत सोहबत में पड़कर बर्बाद हो जायेंगे। ऐसे में फादर्स डे की कल्पना बेमानी होगी। वह भी तब जब यह विशेष दिवस रूपी पिता सौ साल बूढा हो गया है। हम गांव के रहने वाले हैं। गांवों में अभी भी पढ़े लिखे लोगों की कमी है। इस कारण जो संस्कारविहीन परिवार हैं उनमें पारिवारिक झगड़े अक्सर होते रहते हैं। किसी को अपने बेटे से गिला है तो कोई अपनी दुर्दशा के लिए पिता को कोसता है। इतना ही नहीं सम्पत्ति को लेकर पिता-पुत्र के बीच मारपीट और खुरेंजी घटनाएं भी हो जाती हैं। समाचार पत्रों में अक्सर यह खबरें आती हैं कि पुत्र ने पिता की हत्या कर दी या हमला कर हाथ-पैर तोड़ दिया। कितने बुजुर्ग बाप ऐसे हैं जिन्हें बुढ़ापे में दो जून की रोटी भी नहीं मिल पा रही है। उन्होंने जिस लाडले के लिए ताउम्र खून-पसीना बहाया उन्होंने ही तिरस्क2त कर दिया है। ऐसा ही एक वाक्या सेवानिवृत्त अभियंता के साथ हुआ। उन्होंने बेटे की कारगुजारी से आजिज आकर उसे बेदखल करने के लिए इस्तहार छपवाया। अखबार में यहसूचना देख उनका बेटा आग-बबूला हो गया। उसने उनकी इस कदर पिटाई की कि वह दूसरे दिन अखबार के दफ़तर पहुंचे तो रूंधे गले से आवाज नही निकल रही थी। डरे-सहमे उन्होंने दूसरे दिन अपने की इस्तहार का खण्डन छपवाया तब जाकर जान बची। यह कहना गलत होगा कि हर बाप या बेटे में कमी है लेकिन ऐसे लोगों की तादाद अब बहुतायत हो चली है जिन्हे न अपने बेटे की चिंता है और न बेटे को बाप की फिक्र। पढ़े-लिखे लोगों के बीच इनकी सख्या कम है लेकिन अशिक्षित व कम पढ़े-लिखे लोगों के बीच यह बीमारी लाइलाज होती जा रही है। आज जरूरत है इससे लड़ने कि न कि सिर्फ किसी विशेष दिवस मनाने की। इसकी मुहिम विद्या के मंदिरों से प्रभावी ढंग से शुरू हो सकती है।
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बहुत सुन्दर।
जवाब देंहटाएंसही है !!
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